निलेश सुरेश मोकले -मुंबई [महाराष्ट्र]
मणिपुर हिंसा पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के बयान का एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां लंबे समय से शांति बहाली की मांग कर रही हैं. राज्य में प्यार की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ”जब हम देखते हैं कि हमारे ही लोग इतना कष्ट झेल रहे हैं, तो यह हम सभी को परेशान करता है. मोहन भागवत ने वही कहा है जिसकी हम मांग कर रहे हैं, इंडिया गठबंधन लंबे समय से मांग कर रहा है कि आइए चर्चा करें. आइए सभी दलों के साथ एक अच्छी समिति बनाएं. आइए मणिपुर को विश्वास दिलाएं. हर चीज का हल बंदूक नहीं है. प्यार की जरूरत है. मोहन भागवत को थैंक्यू कहना चाहिए कि उन्होंने ऐसा कहा है.”
मोहन भागवत ने क्या कहा?
मोहन भागवत ने नागपुर में सोमवार (10 जून) को कहा, ‘‘मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है. दस साल पहले मणिपुर में शांति थी. ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा. चुनावी बयानबाजी से ऊपर उठकर राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है.’’
मंत्रालय बंटवारे पर सुप्रिया सुले का बयान
सुप्रिया सुले ने मोदी कैबिनेट में विभागों के बंटवारे पर तंज किया. सुले ने कहा कि एक पार्टी के पांच सांसद हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया जाता है और एक पार्टी का सात सांसद है उन्हें राज्य मंत्री बनाया जाता है.